नया दिन व नया सुबह मुबारक बड़ा
नया मुल्क व नया माल मुबारक बड़ा
जो सोची है तुमने मुल्क़गिरी-दारी
वो ख़याल है पावन, मुबारक बड़ा
है रोशन सूरज का निशान जब तक
है आसमान के ऊपर चाँद जब तक
हैं दौर ए ज़माने के दरमियाँ जब तक
है हस्ती जहां की, शाहजहाँ तब तक
(original from the time of Shahjahan)
roz-i nau wa sāl-i nau mubārak bādā
mulk-i nau wa māl-i nau mubārak bādā
ai ān ki khayāl-i mulkgīrī dārī
tamhīd-i khayāl-i tu mubārak bādā
tā mihr-i munīr rā nishān kh āhad būd
tā māh bar auj-i āsmān kh āhad būd
tā daur-i zamāna dar miyān kh āhad būd
tā hast jahān shāh jahān kh āhad būd
पार सरहद किए, वो कहानियाँ ले कर
हम भी पहुँचे, जज़्बों की उफ़ानियाँ ले कर
बेताब किया इंतज़ार-ए-बज़्म ने
थामें थे, दिल में तूफ़ानियाँ ले कर
रक़ीब आते थे, आये तुम क्या समझ कर
पर हम ठहरे रहे, सामान-ए-रुसवाइयाँ ले कर
आख़िर वो आए बज़्म में, चाश-ए-महफ़िल उन कर
कहें आये हैं हम कुछ नई अँगड़ाईं ले कर
दिल को सुरूर आया, यह सुन कर
सुन नयी कहानियाँ उनकी ज़बानींयाँ ले कर
बेसब्री में समाँ रोक दिया मैंने, अचानक यूँ कर
की हाथ में उनकी कलाइयाँ ले कर
रात बतियाँ सुन बीती, पर ज़खम गहरा कर
लौट आए हम नई तनहाइयाँ ले कर
न बना जो तुम्हारी मंजिल, एक भुलाया मील-पत्थर
मुस्कुराए देख कर तुम, रास्ते का नुमाया मील-पत्थर
जब मुआफ़ किया ख़ुद को, अपनाया मील-पत्थर
जिसे तुम मिले बार-बार, वही दुबारा मील-पत्थर
जिन पलों की यादें गुम गई, भुलाया मील-पत्थर
जिन पलों को भुला दिया तुम ने, छुपाया मील-पत्थर
फिर नहीं मिला वो उसी जोश से, पराया मील-पत्थर
फिर क्यों की खाता तुम ने, सताया मील-पत्थर
जिस पर हर कदम का निशान, तुम्हारा मील-पत्थर
जिस पर बैठे तुम एक पल, तुम्हारा मील-पत्थर
हाथ डाली और निकाली प्यारी यादों की दोस्ती
फिरते हैं उठाये एक संदूक में, चार सालों की दोस्ती
भरे हैं घाव क्या कश्मीर क्या खलिस्तान
मरहम बनी थर्ड गेट पे मिलाई और चीनी की दोस्ती
अपने जैसे ही मिले सब, कभी फ़ुकरे कभी घिस्सू
घर से निकले पहली बार, मिली आईने सी दोस्ती
ट्रेन में वापस घर गये, घसीटे संदूक और होल्डाल
मिलें तो शुरू हो उसी मोड़ से, उसी वक्त की दोस्ती
सीखे हम इतना, भुला कितना, खताऐं और शोर
खामोश थे बैठे हमने निकाली उन यादों की दोस्ती
हर पल की शोर-ए-धड़कन उनकी ही
हर रोज़ मनाएँ जश्न-ए-ज़िंगदी उनकी ही
हर माह इंतज़ार चाँद-ए-चौदहवीं उनकी ही
हर साल सालगिरह-ए-मिलन उनकी ही
हर पल खामोशी में शोर-ए-धड़कन उनसे ही
हर रोज़ बनी है जश्न-ए-ज़िंगदी उनसे ही
हर माह हो और शोख़ रंग-ए-दुनिया उनसे ही
हर साल आय लुत्फ़-ए-बहाराँ उनसे ही
जिस पल मिले पहली बार, पल वो साथ साथ चले
असमां नीला रहा, वो बनाती रंगीली धनक साथ चले
तन्हाई की आदत थी इतनी की, किए उनपे सितम
वो धड़कन गुनगुनाती, भूलाती, मिटाती साथ चले
क्या है आज़ादी का मतलब, जीना सिर्फ़ अपने लिए
आज़ादी तो है उसका हक़, इस बार ख़ुशी से साथ चले
ये कैसे है निशान, मोहब्बत की कामयाबी का
मोहब्बत है कामयाब ये दिखाने के लिए वो दबता ही चले
पहचान ना पाएँ जब याद करें उस ख़ामोश को
मुझे तपाके, पिघालके, नये साँचे में ढालती साथ चले
अपनी हट्टी
चौंके दा चौंक, सिटी चौंक,
हट्टीयां दी हट्टी, साड़ी हट्टी।
जेड़ी सी कदी पहचान,
अज्ज खरूँडे दा निशान।
मिगी जे मिलदी अद्दी हट्टी,
मैं वी कुड़ दा अद्दी हट्टी।
ट्रेन जे जाँदी कटड़े च,
सुक्क जाँदी हड्डी जयी हट्टी।
पुल्ले गए लंडे अख्खर,
मैं लिखदा लाल बही च।
वाद्दा घाटा पर प्यार वफ़ा नहीं
मैं वी लिखदा अद्धे अख्खर।
गुज़रेया सामनें तों ओ हट्टी,
बंद सी सालों तो ओ हट्टी।
टुट्टया शज्जा, बंद शटर ,
फण्डनी ना लग्गे अज्ज ओ हट्टी।
खड़ाया, खवाया, रुलाया हट्टी,
बना के मिगी, भुला गई हट्टी।
अज्ज वी चुक्किए फिरदा मैं हट्टी,
शटर ऐ मेरे दिल दी हट्टी।
सुरूर-ए-शब, ए शराब ओ शबाब,
मनाओ ये सालगिरह ए, महताब।
दुआ-ए-दिल आपके साथ,
रौशन-ए-जहां, आप वो आफ़ताब।
मुस्कानें बिखेरो जो हर लम्हा,
जिंदगी लगे गुलशन-ए-गुलाब
दिल में बसाओ खुशियों का जहां,
तुम्हीं पूरा ख्वाब, तुम्हीं रंग लाजवाब।
खुशियों की जमीं, चाहतों का आसमां,
रहे बरकरार ये दिलकश समाँ ।
मंजर सजे हैं जश्न-ए-बहार,
दिलों में उठे उमंगों के अल्फ़ाज।
गूंजे तराने, बिखरे उजाले,
महके हर गली, रोशन हर किताब।
खुशियां हरसू, प्यार हर गली,
रहे ज़िंदगी का यही हिसाब।
सितारे झुके हैं मुबारकबाद को,
चांदनी लुटाए ज़मीन पे बेहिसाब।
हर सांस बने एक नगमा नया,
जश्न हो यूं जैसे कोई इंकलाब।
चमकदे रहे सितारे तेरे, रोशन रहे Dr. Vivek,
जिद्दां बहारां विच फुल्ल, महकदे नें Dr. Vivek।
जम्मू दी खुशबू ते चमके अमरीका दा नूर,
तेरी शख्सियत, दुनियां दा सरूर Dr. Vivek।
हर मुश्किल दे वेच, तू साहस दी पहचान,
तेरे जेहा लीडर, मिलदा नहीं हरेक, Dr. Vivek।
A mentor, a leader, the heart filled with care,
A light in the dark, a heart so rare, Dr. Vivek.
Adventures in all corners, laughter and grace
Your presence alone lights up the place, Dr Vivek
A legacy of love, fulfilled dreams in grace
Leaving your marks in timeless trace, Dr. Vivek.
खुशियां तेरे वास्ते, रब दा वरदान ख़ामोश
हर साल होवे खास, ऊदतों वी खास, आप Dr. Vivek!